“गीत”
स्थाई – ***** जाग है जिन्दगी | फाग है जिन्दगी | छंद सा जी इसे , राग है जिन्दगी |….
Read Moreप्यार भी होते हैं अब हथियार से | ओ समन्दर भी हुये हैं थार से | दोस्त कहके जब बुलाता
Read Moreप्राण ब्रह्म है ।’साँसों को थोड़ा अनुशासित करने का प्रयास किया जाए तो ऊर्जा, स्मृति , बुद्धि ,चेतना आदि में
Read Moreकुंडलियाँ छंद – ________ 1. फूले सुधड़ गुलाब ये , काँटों के ही संग | मुश्किल पर जब जीत हो
Read Moreपिस गई अब भावनायें , हारता है प्यार दब गई इंसानियत ही , स्वार्थ में हर बार आज माँ बापू
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