याचना करें तो केवल ईश्वर से
मनुष्य का पूरा जीवन ऐषणाओं का पूरक और पर्याय रहा है जहाँ हर किसी को कुछ न कुछ कामना ताजिन्दगी
Read Moreमनुष्य का पूरा जीवन ऐषणाओं का पूरक और पर्याय रहा है जहाँ हर किसी को कुछ न कुछ कामना ताजिन्दगी
Read Moreबादल बड़े बदचलन होते हैं लोग जब आतुर होते हैं सूरज या चँदा दर्शन के तब सायास ढक लेते हैं अपने पर फैलाकर और दे देते हैं सबूत अपनी बदचलनी या कि दंभ का। सूरज, चाँद और तारे चलते रहे हैं युगों-युगों से अपने नियत रास्तों पर पर कोई भरोसा नहीं इनका, कभी ये खुद भटक जाते हैं कभी हवाएं भटका देती हैं, इसी बदचलनी के चलते बादल खोते जा रहे हैं अपनी आँखें, अब नहीं दीखता इन्हें धरती का विराट कैनवास इसीलिए अनचाहे बरस जाते हैं,
Read Moreहर व्यक्ति चाहता है आत्म शान्ति। इसके लिए वह लाख प्रयत्न करता है किन्तु मनः शान्ति उससे उतनी ही दूर
Read Moreजब से खान-पान पर से नियंत्रण हटा है, जीभ के स्वाद के फेर में सब कुछ इतना अधिक भीतर जा
Read Moreराष्ट्रीय राजमार्गों से लेकर गांव-कस्बों और शहरों तक की सड़कों पर पिछले कुछ वर्षों से स्पीड़ ब्रेकरों का चलन बेतहाशा
Read Moreहिन्दी को जन-जन के हृदय की भाषा बनाने के लिए भाषणों और आडम्बरों से परे रहकर दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मीय-समर्पित
Read Moreभारतीय संस्कृति में धर्म साधना का जो रूप दिखाई देता हैं वह मज़हब या रेलिज़न का पर्याय मात्र न होकर
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