व्यंग्य – आंखों का अंकगणित और सामान्य सूत्र
आंखें अनमोल हैं, अद्भुत हैं। संपूर्ण समष्टि को अपने भीतर बसाने की आंखों में अभूतपूर्व क्षमता है। आंखें ईश्वर द्वारा
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Read Moreप्यारे देशवासियों, उम्मीद है कि आप खुश होंगे ! प्रेम में महक कर मुश्क होंगे। वैसे यहां सब कुशल है।
Read Moreआम आदमी कई दिनों से पानी की कमी से जूझ रहा था। जूझ ही नहीं रहा था बल्कि जुगाड़ भी
Read Moreमौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी कंपनी स्काईमेट के मुताबिक केरल में चार जून को मानसून दस्तक दे सकता है,
Read Moreरक्तदान जिंदगी से जूझ रहे लोगों को नया जीवन प्रदान करता हैं। इसलिए रक्तदान को महानदान व जीवनदान कहा गया
Read Moreदोपहर के दो बज चुके हैं। गली में खामोशी पसरी हुई है। केवल इक्का-दुक्का कुल्फी वाले भइयों की लारी के
Read Moreगोलू स्कूल से घर लौटते ही दादाजी के कमरे की ओर दौड़ा। दादाजी… दादाजी… आपसे एक बहुत ही जरूरी सवाल
Read Moreसमूचे विश्व के समक्ष आज पर्यावरण संरक्षण व प्राकृतिक संतुलन एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है। दिनोंदिन बढ़ती जनसंख्या
Read Moreअब तो न दिन को चैन आता है और न ही रात को नींद आती है। इस आलम में कुछ
Read Moreनेताजी रात को घोड़े बेचकर सो रहे थे। मच्छर ने नेताजी की हृष्ट-पुष्ट काया को देखा तो उससे रहा नहीं
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