गीतिका/ग़ज़ल धर्म पाण्डेय 12/01/201817/01/2018 ग़ज़ल मस्जिद दिखाई दे न शिवाला दिखाई दे । हर आदमी के दिल में उजाला दिखाई दे । चाहत का उसकी Read More
गीतिका/ग़ज़ल धर्म पाण्डेय 12/01/2018 ग़ज़ल अब किसी से भी मुहब्बत नहीं कर पाउँगा । प्यार आता है , सियासत नहीं कर पाउँगा । जाने अनजाने Read More
गीतिका/ग़ज़ल धर्म पाण्डेय 03/11/2017 ग़ज़ल दोस्ती यारी निभा कर चल दिए । बेवफा मुझको बता कर चल दिए । मुफलिसी का दौर भी अच्छा ही Read More
गीतिका/ग़ज़ल धर्म पाण्डेय 01/04/2017 ग़ज़ल तू मेरे सहारे , मैं तेरे सहारे । न तुम थे हमारे, न हम थे तुम्हारे । सितम ढा के Read More
गीतिका/ग़ज़ल धर्म पाण्डेय 22/12/2016 ग़ज़ल दिल हमारा जलाना नहीं प्यार मेरा भुलाना नहीं नज़र से तुम गिराना नहीं आ गये हो तो जाना नहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल धर्म पाण्डेय 07/12/2016 ग़ज़ल जमाने भर की अब सुनता नही मैं मुझे मालूम है, अच्छा नही मैं । बदल जाना नही फितरत हमारी Read More
गीतिका/ग़ज़ल धर्म पाण्डेय 11/11/2016 ग़ज़ल अभी अंदाज में रखनी है हमको सादगी थोड़ी। फकत है काम ज्यादा बच गई है जिंदगी थोड़ी । जमाने Read More
गीतिका/ग़ज़ल धर्म पाण्डेय 11/11/2016 ग़ज़ल किसी अंजान से रिश्ता कभी गहरा नहीं होता । मुहब्बत गर न होती आदमी जिन्दा नहीं होता। कोई ऊँचा Read More
गीतिका/ग़ज़ल धर्म पाण्डेय 11/11/2016 ग़ज़ल भूख दुनियाँ से मिटा कर देखते हैं रोते बच्चों को हँसा कर देखते हैं भूल जाता हूँ जमाने भर Read More
गीतिका/ग़ज़ल धर्म पाण्डेय 11/11/2016 ग़ज़ल आता जाता नहीं कोई कभी बीराने में दिले बर्बाद छुपा रक्खा है तहखाने में । शौक से करता नहीं Read More