प्राण के बाण 15 वीं किश्त
सोते हुए सपूतो जागो तुम्हें जगाने आया हूँ। क्या हैं हाल चाल बस्ती के आज सुनाने आया हूँ।।1।। जिस धरती
Read Moreसोते हुए सपूतो जागो तुम्हें जगाने आया हूँ। क्या हैं हाल चाल बस्ती के आज सुनाने आया हूँ।।1।। जिस धरती
Read Moreकवि न उठा तो दानवता से नैतिकता डर जायेगी। नैतिकता डर गई उसी क्षण मानवता मर जायेगी।।1।। चारों ओर कलह
Read Moreजो न बता पाए हैं अन्तर पूड़ी और पराठे में। उनके ही उत्तर आए हैं कुश्ती और कराटे में।।1।। जिनको
Read More1- झगड़े से घर का घाटा है बात प्राण ने सही कही। सास बहू की तनातनी में बिल्ली ही पी
Read More1- धीरज का मीठा फल होता चखना बहुत जरूरी है। संकट में सन्तुलन बुद्धि का रखना बहुत जरूरी है।। 2-
Read More1. राणा प्रतापऔर उनके वीर ~~~~~~~~~~~~~~~~ शौर्य के प्रचण्ड पिण्ड कहो मारतण्ड चण्ड, तोड़ दिग्गजों की तुण्ड ठण्ड झेलने लगे
Read Moreकब तक नियम और तोड़ोगे? कितनी नैतिकता छोड़ोगे?? युग को भला किधर मोड़ोगे? टूटे हृदय न जोड़ोगे तो , कालिख
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