विधाता छंद
कभी इकरार करते हो कभी इनकार करते हो । मुहब्बत को छिपा दिल में नही इजहार करते हो ।। भुला
Read Moreकभी इकरार करते हो कभी इनकार करते हो । मुहब्बत को छिपा दिल में नही इजहार करते हो ।। भुला
Read Moreउदास राधिका न छेड़ प्रेम तान साँवरे । हताश खोजती फिरे मिला न प्रान बाँवरे ।। बुझा सवेर दीप आसमान
Read Moreझाँका है दूर नभ से रामाँ रहीम बन के निकला है आज चन्दा फिर सज के और संवर के भूलो
Read Moreछुपा आगोश में अपने इबादत भूल जायेंगे हमारा साथ दो गर तुम मुहब्बत गुनगुनायेंगे न जाना भूल बैठे हम सितारों
Read Moreसूना पड़ा अँगना यहाँ , सजना गए परदेश है । सोये हुए अरमान को , थपका रहे सन्देश है ।
Read Moreअलियों – कलियों में हुई , कुछ ऐसी तकरार । बूँद – बूँद में घुल रही ,मधुरिम प्रेम फुहार ।।
Read Moreअलियों – कलियों में हुई , कुछ ऐसी तकरार । बूँद – बूँद में घुल रही ,मधुरिम प्रेम फुहार ।।
Read Moreदिल भर आया आसमान का, आज तो उसे रोने दो खूब तपाया है सूरज ने , सूरज को अब सोने
Read Moreहवा निगोड़ी छेड़ती , नरंम लता शरमाय । मन-ही-मन मुसकाय कें तरु से लिपटी जाय ।। *********************************************** नर्म पाव से
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