कविता_मोदी
हिन्द का जगमग दीप है मोदी ! की मोती भरा ये शीप है मोदी !!१ अब राणा की तलवार है
Read Moreहिन्द का जगमग दीप है मोदी ! की मोती भरा ये शीप है मोदी !!१ अब राणा की तलवार है
Read Moreमंदिर में फूल चढ़े न चढ़े, उस राह में फूल चढ़ा देना । जो देश पर मिटने जाते है, अपना
Read Moreकाहे का सावन रे सखिया, जब साजन बसे परदेश ! रात बिजुरिया चमक डराये, जिया मे बने कलेश !! रिम-झिम-रिम
Read Moreहर कोई खुश हो रहा, ये सोचकर। हर किसी को खाना है, मुझको नोचकर।। भूख चाहे जैसी हो, इस इन्सान
Read Moreतुम अकेले हो जहां मे, मानकर चलना । अपनों की दावेदारी का, वो दौर कोई और था.।। भागती दुनिया नही
Read Moreकुछ ढूढ़ रहा है मेरा मन ! क्यों परेशान लगता है जन !! स्वार्थ की गाड़ी पर सब चढ़ ,
Read Moreबे मौसम बरसात हो रही, दिन मे जैसे रात हो रही। जब होनी हो जमकर बारीस, तब सूखे की, बात
Read Moreहृदय अब तो आखे खोल !! जिस राधा का प्यार तु देखा , दुर्गा का अबतार भी देखा, लछमी बाई
Read Moreघर से निकलो वीर जवानों , रहा पत्ता -पत्ता बोल रहा | जर्रा -जर्रा -परेशान है , शेष नाग है
Read Moreआवो कुछ भूली बिसरी बात करें। क्या खोया क्या पाया, वो बात करें।। बचपन का जीवन-रोते-हंसते बीता । राहों में
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