Author: *कालीपद प्रसाद

कवितापद्य साहित्य

वही होता है जो निर्णायक चाहता है

कुटिल काल-कर्कट ने कुतर कुतर काटकर हाड़-माँस के इस ढाँचे को बनाया खोखला काया को l एक खंडहर जर्जर घर,प्रकाम्पित

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