मुक्तक
आँखों से आंसुओं को अब बह जाने दो ख्वाबों का वो झूठा खंड्हर ढह जाने दो कब तलक ठहरे रहोगे
Read Moreमेरे अक्स में फिर अक्स तेरा न लगे। जुस्तजु न रहे तेरी कोई रिशता न लगे। तुझे भूलने की नाकाम
Read Moreअनीता जल्दी जल्दी यूनिवर्सिटी के लिए तैयार हो रही थी कि अचानक मां ने अनीता के हाथ में दूध का
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