गज़ल
हर कोई अपने ख्यालों मे खोया नज़र आया | उसे देखा तो गुज़रा ज़माना फिर याद आया | उसे भूल
Read Moreकहीं कहा मुझे गंगा मैया कहीं मुझे जीभर के दूषित किया | किसे मैं सुनाऊं अब बर्बादी की अपनी यह
Read Moreरहने दो तुम यह सब सह नहीं पाओगे | किसी की दर्द भरी आहें तुम सुन नहीं पाओगे | तुम्हे
Read Moreफिर होगा सागर मंथन, तुम बस इक मजबूत ढाल बन जाओ | हर युग के रावण के संहार के लिए
Read Moreएक कटाक्ष यह भी .. यूं तो हम सब बुद्धिजीवी दूसरों को समझाने या दोष निकालने में तत्पर रहते हैं
Read Moreबेटी ब्याह के जब पराए घर जाती है | सीख अपने बाबुल से यही लेकर जाती है | अब खत्म
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