गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 14/01/2023 ग़ज़ल रंग, ख़ुश्बू, अदा न मिलती है हुस्न तेरी हवा न मिलती है ख़ूब दीवानगी हमारी थी अब कहीं भी ज़रा Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 07/12/2022 ग़ज़ल इक रोज़ कहीं गुज़र न जाऊँ मैं प्यार बग़ैर मर न जाऊँ बस एक निगाह पुरमुहब्बत फिर देख अगर सँवर Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 11/11/2022 ग़ज़ल कहाँ जायें किधर को किस गली में रहा जाता नहीं है बेकली में जहाँ मतभेद इतने और रगड़े मज़ा आये Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 15/10/2022 ग़ज़ल मिली न मंज़िल रहे न सहचर घुमा-घुमाकर नसीब लाया कहाँ-कहाँ से भटक-भटककर यहाँ तुम्हारे क़रीब आया मधुर-मधुर जल मधुर-मधुर फल Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 05/09/2022 ग़ज़ल एक बिन्दु आर का एक बिन्दु पार का चाहते मिलन मगर रेख-पथ न प्यार का प्यार का निबाह भी है Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 02/08/2022 ग़ज़ल समय ने सिलसिला तोड़ा हमारा परिंदों की तरह जोड़ा हमारा बड़ा बाज़ार है पर आदमी हम नहीं है मूल्य क्या Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 09/06/2022 ग़ज़ल तू अकेले कि काफ़िले में चल मत ठहर बीच रास्ते में, चल आज का दिन उदास बीता है आज की Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 06/05/2022 ग़ज़ल और बाक़ी मिठाइयाँ छोड़ूँ मैं भला क्यों जलेबियाँ छोड़ूँ हुस्न नमकीन को न छोड़ सकूँ रक्त-गति की दवाइयाँ छोड़ूँ जब Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 03/04/2022 ग़ज़ल सिमटता है कभी ये फैलता है हमारे बीच ऐसा फ़ासला है नया इक मोड़ लेता जब समझते सुलझने को पुराना Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 05/03/2022 ग़ज़ल मधुर चाँदनी रात लिक्खी नहीं है हमारी मुलाक़ात लिक्खी नहीं है सुयश ज़िंदगी क्यों नहीं कर्मफल में करो मत सवालात Read More