गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 03/01/202403/01/2024 ग़ज़ल समय है ज़िंदगानी का कि मेहमां है कि मौसम हैविदाई जा रहे को आ रहे का ख़ैर-मक़्दम है तमन्नाएँ हज़ारों Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 08/12/202308/12/2023 ग़ज़ल निष्फल, भरना आह न छोड़ेपागल है दिल चाह न छोड़े प्रेमनगर से पहले रहज़नप्रेम-पथिक पर राह न छोड़े मन का Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 08/11/202308/11/2023 ग़ज़ल डगर-दर-डगर पैर जाते रहेनदी जब मिली तैर जाते रहे सफ़र में मिली जब सुहानी जगहघड़ी-दो-घड़ी ठैर जाते रहे मुझे टोकते Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 08/06/2023 ग़ज़ल लगी चोट जब प्रेम-पथ आ गया था तुम्हारे लिए एक रथ आ गया था अजब रास्तों, मंज़िलों की पहेली कहाँ Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 25/05/2023 ग़ज़ल वक़्त था वो जब मचलते हम रहे क्या शमा रौशन कि जलते हम रहे दिल हमारा एकदम-से चाँद तक बल्लियों Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 16/02/202316/02/2023 ग़ज़ल बनी या बनेगी न इसकी ख़बर भी दवा चाहिए दर्द की कारगर भी मुझे तुम घुमाओ कहीं वादियों में दिखाई Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 14/01/2023 ग़ज़ल रंग, ख़ुश्बू, अदा न मिलती है हुस्न तेरी हवा न मिलती है ख़ूब दीवानगी हमारी थी अब कहीं भी ज़रा Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 07/12/2022 ग़ज़ल इक रोज़ कहीं गुज़र न जाऊँ मैं प्यार बग़ैर मर न जाऊँ बस एक निगाह पुरमुहब्बत फिर देख अगर सँवर Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 11/11/2022 ग़ज़ल कहाँ जायें किधर को किस गली में रहा जाता नहीं है बेकली में जहाँ मतभेद इतने और रगड़े मज़ा आये Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 15/10/2022 ग़ज़ल मिली न मंज़िल रहे न सहचर घुमा-घुमाकर नसीब लाया कहाँ-कहाँ से भटक-भटककर यहाँ तुम्हारे क़रीब आया मधुर-मधुर जल मधुर-मधुर फल Read More