स्वयं की कर पहचान
आत्मा की है सम्पत्ति,दर्शन, चरित्र और ज्ञान,अपने अन्दर झांक कर,स्वयं की कर पहचान।स्वयं की कर पहचान,कि कैसे भूल गया है,सत्पथ
Read Moreआत्मा की है सम्पत्ति,दर्शन, चरित्र और ज्ञान,अपने अन्दर झांक कर,स्वयं की कर पहचान।स्वयं की कर पहचान,कि कैसे भूल गया है,सत्पथ
Read Moreअपने को पहले बदल, बदलेगा संसार,अपनी ऊर्जा को बढ़ा,परखो सार-आसार 1परखो सार-आसार,मधुर जीवन हो जाये,सभी जगह हो शांति,जहाँ भी दृष्टि
Read Moreजीवन को नियमित बना कर,नवयुग का निर्माण करें,हृदये से सब की सेवा कर,राष्ट्र-चेतना का व्रत्त लें 1जियें स्वयं भी प्रसन्ता
Read Moreदेशवासिओ ! जागो सारे, अपने दिल में सोच विचारेंदूसरों की ग़लती ना देखें अपनी गलती आप सुधारें ।कूड़ा – करकट
Read Moreसच ही है हम नहीं सोचते, अपने को हम नहीं जानते हैं क्या और क्या करना है हमें सच्चाई पर
Read Moreआत्मा परमात्मा का अंश है जीव के कण कण में ही वह व्याप्त है देखने में वह कभी दिखता नहीं
Read Moreअँधेरे में उजाला कर ,जलाएं दीप सब मन में कि रोशन हों सभी के मन,ना नफ़रत
Read Moreदेशवासिओ जागो सारे, अपने दिल में सोच विचारो दूसरों की ग़लती ना देखें, अपनी गलती आप सुधारो कूड़ा – करकट
Read Moreसयमित जीवन बिताना लक्ष्य है इंसान का पर संयमहीन जीवन को बिताता आदमी हो गया
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