नाम
सुन बिटिया का पहला क्रन्दन क्यों करता हे माता-पिता आपका स्नेह सागर हृदय स्पन्दन मेरे जन्मोपरान्त आपके मन में
Read Moreधरती का अंतस डोल रहा था बंद रिश्तों का पट खोल रहा था महल अटारी छोड़ सभी जन
Read Moreचाहा था मैने पलकों में सपनों का महल बनाना तुम जो ठहरे छलिया , छल कर किया नया बहाना
Read Moreमाँ मेरा मन चाहता है सौन्दर्य सृष्टि का देखना आने दो इस जग में मुझको खुशियाँ दूंगी मैं भी तुझको
Read Moreआए दिन नारी संवेदना के स्वर गूंजते रहते हैं …..द्रवित करते रहते हैं हॄदय को ….छलक ही आते हैं आँखों
Read Moreविचारधाराएँ बदल रही है लोगों की. माना, दे रहे हैं लोग बेटियों को भी बेटों के बराबरी का दर्जा. उच्च
Read Moreकन्या कोई वस्तु नहीं जो दान मे दी जाए घर घर का मान है अपमान न की जाए शील है
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