कविता

मेरा मन

क्यों बेचैन है
क्या चाहिए उसे
शायद शिकायत है
अपने आप से ही
इसी लिए असंतुष्ट
भटक रहा है
भौरों की तरह
मेरा मन

मेरा मन
देखता है
स्वर्ण पिंजर में
कैद पक्षियों को
और तुलना करता है
वेफिक्र उड़ते हुए
नील गगन में पक्षियों से
तभी एक आह
निकलती है
और तड़प उठता है
मेरा मन

मेरा मन
चाहता है पतंग उड़ाना
इसीलिए
सुलझाने लगा
उलझे हुए पतंग की डोर को
और शायद भूल गया
स्वयं ही स्वयं को
और खुद ही उलझ गया
खुद को सुलझाने में
मेरा मन

शायद नहीं देखा सकता है वे
प्रतिभाओं को
यूँ ही
कुण्ठित होते हुए
और चाहता है उनका
समुचित मूल्यांकन
मेरा मन

शायद वे जब देखता है
सत्य को न्यायालयों के चौकठ पर
सर झुकाकर न्याय की
गुहार लगाते हुए
और फिर
उसे झूठ से हारते हुए
तब सत्य का गवाह
बनना चाहता है
मेरा मन

शायद नहीं सहन होता है उसे
उन अजन्मी कन्याओं का
करुण क्रन्दन
चाहता है उन्हें माँ के
आँचल की छांव देना
और अपनी
विवशता पर अकेले
छटपटाता है
मेरा मन

शायद नहीं देख सकता
औरों के लिए महल बनाने वाले
मजदूरों को
जो स्वयं सड़कों पर
बेफिक्र सो रहे हैं
अपने पलकों में
अनगिनत स्वप्न बंद किए
तब न जाने क्यों
उनके सपनों को
साकार करना
चाहता है
मेरा मन

शायद नहीं देख सकता है वह
बालश्रमिकों को
सिर्फ
रोटी के लिए
घरों में, होटलों में
जूठन साफ करते हुए
और फिर
थके हुए हथेलियों से छूटकर
प्लेटों के टूट जाने पर
बेरहमी से पिटते हुए
मेरा मन

शायद नहीं देख  सकता
भोले भाले लोगों को
ढोंगी बाबाओं के जाल में फंसकर
छटपटाते हुए
और चाहता है उन्हें
अंधविश्वास के
मकड़जाल से निकालना
मेरा मन

— किरण सिंह

*किरण सिंह

जन्मस्थान - ग्राम - मझौआं , जिला- बलिया, उत्तर प्रदेश निवासी - ग्राम अखार, जिला बलिया। जन्मतिथि 28- 12 - 1967 शिक्षा प्रार्थमिक - सरस्वती शिशु मंदिर बलिया माध्यमिक शिक्षा - राजकीय बालिका विद्यालय, बलिया स्नातक - गुलाब देवी महिला महाविद्यालय, बलिया (उत्तर प्रदेश) संगीत प्रभाकर ( सितार ) प्रकाशित पुस्तकें - 19 काव्य कृतियां - मुखरित संवेदनाएँ (काव्य संग्रह) , प्रीत की पाती (छन्द संग्रह) , अन्तः के स्वर (दोहा संग्रह) , अन्तर्ध्वनि (कुण्डलिया संग्रह) , जीवन की लय (गीत - नवगीत संग्रह) , हाँ इश्क है (ग़ज़ल संग्रह) , शगुन के स्वर (विवाह गीत संग्रह) , बिहार छन्द काव्य रागिनी ( दोहा और चौपाई छंद में बिहार की गौरवगाथा ) । बाल साहित्य - श्रीराम कथामृतम् (खण्ड काव्य) , गोलू-मोलू (काव्य संग्रह) , अक्कड़ बक्कड़ बाॅम्बे बो (बाल गीत संग्रह) , " श्री कृष्ण कथामृतम्" ( बाल खण्ड काव्य ) "सुनो कहानी नई - पुरानी" ( बाल कहानी संग्रह) मुनिया बर्तन नहीं धुलेगी ( बाल कविता संग्रह ) कहानी संग्रह - प्रेम और इज्जत, रहस्य , पूर्वा लघुकथा संग्रह - बातों-बातों में सम्पादन - दूसरी पारी (आत्मकथ्यात्मक संस्मरण संग्रह) , शीघ्र प्रकाश्य - "फेयरवेल" ( उपन्यास), "लय की लहरों पर" ( मुक्तक संग्रह) सम्मान - सुभद्रा कुमारी चौहान महिला बाल साहित्य सम्मान ( उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ 2019 ), सूर पुरस्कार (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान 2020) , नागरी बाल साहित्य सम्मान (20 20) बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन से साहित्य सेवी सम्मान ( 2019) तथा साहित्य चूड़ामणि सम्मान (2021) , वुमेन अचीवमेंट अवार्ड ( साहित्य क्षेत्र में दैनिक जागरण पटना द्वारा 2022) जय - विजय रचनाकर सम्मान 2022, ज्ञान सिंह आर्य साहित्य सम्मान 2024 सक्रियता - देश के प्रतिनिधि पत्र - पत्रिकाओं में लगातार रचनाओं का प्रकाशन तथा आकाशवाणी एवम् दूरदर्शन से रचनाओं, साहित्यिक वार्ता तथा साक्षात्कार का प्रसारण। विभिन्न प्रतिष्ठित मंचों पर अतिथि के तौर पर उद्बोधन। ईमेल आईडी - kiransinghrina@gmail.com

One thought on “मेरा मन

  • मन की बात खूबसूरत ढंग से बिआं की.

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