कविता

हाय रे!! मेरे छह घंटे बेकार गए!!

हाय रे!! मेरे छह घंटे बेकार गए!! व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम बंद भए हाय रे !! मेरे छह घंटे बेकार गए हेलो हाय जन्मदिन एंजॉयमेंट मिशन के वह लम्हे क्षण यूं ही बेकार गए!! याद रखेंगे कि लम्हे कैसे मैंने बिताए पागल नहीं हुआ!! बस ईश्वर अल्लाह बचाए समय से युद्ध कर समय को बिताए ईश्वर […]

कविता

निवेशकों को न्योता

दुनिया में निवेशकों का राज़ है हर राष्ट्र की यह आवाज़ है निवेश करो हमारे देश में तुम्हारा ही राज़ है देशवासियों को तुम पर नाज़ है आर्थिक संपन्नता होगी हमारी इसमें भी राज़ है सत्ता कायम रहेगी हमारी इसलिए भी बुलंद आवाज़ है नागरिकों की भी हालत सुधरेगी उनको हम पर नाज़ है हर […]

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

विविध संस्कृति, समृद्धि, भाषाई और साहित्यिक विरासत में भारत विश्व में सर्वश्रेष्ठ

भारत वर्तमान समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर क्षेत्र में एक सशक्त ताकत,तकनीकी उपलब्धियों की आगाज़ के साथ उभर रहा है।जिस प्रकार भारत की हर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में मजबूत मूल्यांकित उपस्थिति दर्ज़ हो रही है,चाहे वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता, ब्रिक्स कृषि मंत्रियों की अध्यक्षता ब्रिक्स सम्मेलन,शंघाई सम्मेलन, पूर्ण विकसित राष्ट्रों के साथ […]

कविता

कोरोना और महंगाई !!!

47 वर्ष पूर्व के एक गाने की गूंज फिर सुनाई। फिल्म रोटी कपड़ा और मकान की याद आई।। जीवन की वह कहानी आज फिर दोहराई। तू फ़िर क्यों आई? तुझे क्यों मौत न आई।। हाय!! महंगाई!! महंगाई!! महंगाई!! एक हमें कोरोना से लड़ाई मार गई। दूसरी लॉकडाउन में आमदनी मार गई।। तीसरी खर्चे की लड़ाई […]

राजनीति

कोविन वैश्विक सम्मेलन – कोविड वैक्सीनेशन का डिजिटल प्लेटफॉर्म

गोंदिया – वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी ने जब पिछले साल आघात किया था तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि कोरोना महामारी इतनी त्रासदी मचाएगी। करोड़ों लोगों की मृत्यु होगी, स्वास्थ्य संसाधनों की कमी पड़ जाएगी और उपलब्ध स्वास्थ्य संसाधन फेल हो जाएंगे और इलाज का कोई साधन या वैक्सिन भी उपलब्ध नहीं […]

सामाजिक

महंगाई ने बिगाड़ा गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट

गोंदिया – भारत में आज से 47 वर्ष पहले सन 1974 में एक हिंदी फीचर फिल्म आई थी, रोटी कपड़ा और मकान उसमें एक हिट गीत था, बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई, महंगाई मार गई। साथियों, उस दौर में कुछ ऐसा माहौल था कि लोग महंगाई से बहुत परेशान थे और यह गीत […]

सामाजिक

जिंदगी और समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक

गोंदिया – भारत आदि जुगाद काल से ही एक धार्मिक, आध्यात्मिक, परोपकारी देश रहा है। भारत की मिट्टी में ही ये गुण समाए हुए हैं, यह हम सब जानते हैं।…साथियों मनुष्य जीवन का मिलना आध्यात्मिक में भाग्यशाली माना जाता है, क्योंकि उसमें सोचने समझने की शक्ति याने बुद्धिमता अन्य प्राणियों के जीवन से कई गुना […]

सामाजिक

उम्र और जिंदगी का फर्क

गोंदिया – भारत अपनी परंपराओं, संस्कृति, संस्कार, अपनापन, मान मर्यादा, अपनत्व इत्यादि अनेक प्रकार की मानवीय आचरण सभ्यता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। मेरा निजी विचार है कि भारत में नागरिक अपनों, अपने बड़े बुजुर्गों का जितना सम्मान मानमर्यादा करते हैं, विश्व में कहीं नहीं होगा। हालांकि सभी अच्छाइयों में कुछ अपवाद बुराइयां भी होती […]

सामाजिक

किसी ने रोज़ा रखा किसी ने उपवास- कबूल उसका हुआ जिसने मां-बाप को रखा अपने पास

गोंदिया- वैश्विक रूप से भारत एक ऐसा अकेला देश है जहां धार्मिकता,आस्था,आध्यात्मिकता,श्रद्धा,संस्कृति, इत्यादि अनेक प्रकार के मानवीय गुण हैं जिसमें भारत सबसे आगे हैं,और होना भी चाहि, क्योंकि यह सभी माननीय गुण भारत की मिट्टी में समाए हैं,,जो भारत में जन्म लेते हैं यह ऊर्जा उनके मस्तिष्क ने समा जाती है साथियों..मेरा यह मानना है […]

लेख

पृथ्वी पर कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं जिसको समस्या ना हो – कोई समस्या ऐसी नहीं जिसका समाधान ना हो

समस्या ही सफलता की जननी है – दुख रूपी चाबी से सुखों का द्वार खुलता है – एड किशन भावनानी गोंदिया – किसी ने ठीक ही लिखा है कि, पृथ्वी पर कोई भी एसा व्यक्ति नहीं होगा, जिसको कोई भी समस्या नहीं हो और पृथ्वी पर कोई भी समस्या ऐसी नहीं होगी, जिसका समाधान ना […]