मुखिया
सत्संग में प्रवचन चल रहा था. बात मुखिया की चल रही थी.“जब हिंदुस्तान में नई-नई रेलगाड़ी चली तो एक डेरे
Read More“हनुमान बेटा, एक बात बताओ कि, तुम्हारी पूंछ नहीं जली आग में और पूरी लंका जल गई? इसका क्या रहस्य
Read Moreकितने सुख थे उस अस्पताल में, इतनी बीमार होते हुए भी मीनू खुश-सी दिखती थी! जब मन चाहे, अपनी मर्जी
Read Moreनए मेहमान के आगमन की खुशी में अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर नीता के लिए सोने की अक्षय बरसात
Read Moreघड़ा अत्यंत विकल था. कितने सुकून से मिट्टी के रूप में धरती मां की गोद में मस्त था. फिर एक
Read Moreजीवन चलता, समय बदलता,पल-पल बदलतीं करवट राहें,उम्र की हर दहलीज पे देखा,पल-पल बदलतीं मन की चाहें। बदलते हैं निर्णय जीवन
Read Moreइंद्रिय वश में रख सदा, होगी जग में जीत।मुख-मंडल का तेज बढ़े, संयम से हो प्रीत।। आकांक्षाओं के भार से,
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