प्रेम जगत का सार है
प्रेम जगत का सार है, कोई इसे कहता प्रीत, कोई कहता प्यार है, यह प्रीत भी है, प्यार भी, स्नेह
Read Moreप्रेम जगत का सार है, कोई इसे कहता प्रीत, कोई कहता प्यार है, यह प्रीत भी है, प्यार भी, स्नेह
Read Moreएक दिन हमने कहीं जाने के लिए रेडियो टैक्सी हायर की. अभी हम टैक्सी में बैठे ही थे कि, हमसे
Read Moreअखियों का नूर होती हैं प्यारी-प्यारी-प्यारी बेटियां दिल का सुरूर होती हैं प्यारी-प्यारी-प्यारी बेटियां अगर उसको अच्छे-से संस्कार दिए जाएं
Read Moreशरद ऋतु की दस्तक आ चुकी थी, गुनगुनी धूप राहत देकर बता रही थी, कि बिन बुलाए मेहमान की तरह,
Read Moreप्रेम एक गीत है जो ज़िंदगी के साथ शुरु होता है ज़िंदगी के बाद अमर. प्रेम एक पहचान है
Read Moreनज़्म ज़ख़्मों से डर कर जीने में जीने का लुत्फ़ ही फ़ाख़्ता हो गया था, ज़ख़्मों को मरहम बना लिया
Read Moreआज वह सोने के पंख वाला हंस न रहकर, एक सामान्य हंस हो गया था. रह-रहकर उसे यह बात याद
Read More