पृथ्वी की त्रासदी
मैं धरा हूं धैर्य धारण करूंगी, वसुधा हूं धन-धान्य से परिपूर्ण करूंगी, रत्नगर्भा हूं रत्नों का दान मुझे करना ही
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Read Moreहम भारत के जागरुक बच्चे, चाहते प्लास्टिक से आजादी, प्लास्टिक के उपयोग से बोलो, करें क्यों अपनी बरबादी? स्वतंत्रता दिवस
Read Moreमुक्तक जीने का मंत्र है और जीतने का भी- “एक-एक कदम आगे बढ़ते रहना.” मेरी नजर मिलन की मधुरता पर
Read Moreमन में तीव्र उत्कंठा हो तो संभव हो सकता है सब कुछ बिना उत्सुकता के कैसे हो सकता रिश्तों का
Read Moreमेरे देश में आज भी अलसुबह माताएं-बहिनें हाथ में पूजा की थाली लेकर श्रद्धा से देवस्थली को जाती हैं, आज
Read Moreमुक्तक इतनी भी मजबूरी क्या कि मिल न सको एक संदेश ही काफी है हमारे जीने के लिए 2. जन्मदिवस
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