नव वर्ष
सोचा होगी शुरू अब , एक नयी शुरुआत होये सबके मुदित मन ,जैसे पादप पात जैसे पादप पात, खिले वदन
Read Moreकरो मनांगन प्रफुल्लित, आने वाले साल खिले तबस्सुम खुशी के , मिले सूरों से ताल नयी स्फूर्ति नव उमंग हो
Read Moreकाल का विध्वंस देख , बेचारों की लाचारी देख लाक डाउन के नाम पर जनता की सदाचारी देख घूम रहा
Read Moreलाल जोड़े को पहन बेटी सजाना रह गया जब चली परदेश पिय छूटा घराना रह गया माथ पर टीका गले
Read Moreचाह पाने की ख्याली जाएगी अब पली आशा निकाली जाएगी हो न पूरे स्वप्न सबके यहाँ बिन मनी सारी दिवाली
Read Moreकरो गर प्रार्थना क्यों जग तुम्हारा हो नहीं सकता इरादे नेक हो तो क्यों किनारा हो नही सकता दिये हो
Read Moreकिशन को देख राधा बाबली है पड़ी उसकी नजर जो सांवली है चली आती सुनी जो बाँसुरी धुन बनी श्यामा
Read Moreहम नन्हें तरू है , हमसे है हरियाली मत काटो हमको , हमसे है हरियाली पादप काटोगे बढ़ जायेगी गर्मी
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