“मुक्तक”
शीर्षक- चतुर – विज्ञ, निपुण, नागर, पटु, कुशल, दक्ष, प्रवीण, योग्य। काम न आए हर घड़ी, चतुराई की चाल योग्य
Read Moreसबकी झोली भरें माँ, रहे न खाली हाथ रोजी रोटी कठौता, पुलकित रहे संगाथ पुलकित रहे संगाथ, मातु करो कृपा
Read Moreभाव भायी रगर मनचली क्या करें छांव छाई डगर दिलजली क्या करें खुद से होती कहाँ रूबरू जिंदगी मोह माया
Read Moreअजी, सुन रहे हैं बिहाने बिहाने कहाँ जूता चमका रहे हैं। घर- परिवार, नात- बात, अड़ोसी- पडोसी से भी मतलब
Read Moreमहिमा माँ की पावनी, गई शरद ऋतु आय नव रजनी नव शक्ति की, नव दुर्गा हरषाय नव दुर्गा हरषाय, धरे
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