“मुक्तक”
“मुक्तक”
शीर्षक- अर्थ- धन्, द्रव्य, मुद्रा, दौलत, वित्त, पैसा
दौलत के अभिमान में, मंशा है बीमार
अर्थ व्यर्थ में खर्चा, मुद्रा मौन विचार
वित्त विहीन विभीषिका, जीवन झारे आग
पैसा पैसा जब हुआ, धन भरता गुब्बार।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
“मुक्तक”
शीर्षक- अर्थ- धन्, द्रव्य, मुद्रा, दौलत, वित्त, पैसा
दौलत के अभिमान में, मंशा है बीमार
अर्थ व्यर्थ में खर्चा, मुद्रा मौन विचार
वित्त विहीन विभीषिका, जीवन झारे आग
पैसा पैसा जब हुआ, धन भरता गुब्बार।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी