कविता

हाइकू……..

(1)

माँ

जग

जननी

दुख दोष

निवारिणी है

करुणामयी माँ

आशीष दायिनी है॥

(2)

हे

कृपा

दायिनी

शेरावाली

भूल चूक को

क्षमा दे माँ काली

जै माँ मैहर वाली॥

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ