दोहे जीवन के
अपना मतलब है परम,बाकी सब बेकार सच्ची वाली मित्रता ,रोज रही हैं हार। साज नही वो सोहता,जिसके टूटे तार .रिश्ते वो
Read Moreअपना मतलब है परम,बाकी सब बेकार सच्ची वाली मित्रता ,रोज रही हैं हार। साज नही वो सोहता,जिसके टूटे तार .रिश्ते वो
Read Moreवन उपवन को रंगों से खूब सजाने आई तितली। बगिया के नव कलियों पे ,प्रीत लुटाने आई तितली। देख महकते
Read Moreनफरत के बाजार में ,बिकता नही गुलाब ,यहां सभी देते रहे ,काँटों भरे जवाब। सच कहना आसान है ,पर उसमे
Read Moreख़ुशी फुहारें लेकर आई बरखा रानी ,मस्त बहारें लेकर आई बरखा रानी ,फूल खिल उठे पत्तों में आया नवजीवन ,हरे
Read Moreनदी ख़ुशी से बहती चल, सारे सुखदुख सहती चल। पथ में जब पत्थर रोकें ,जमके उनसे लड़ती चल। अपनी अमृत
Read Moreअपना मतलब परम है,बाकी सब बेकार,जो दूजों की सोचता ,हरदम खाता मार। —बेइमानी के युग में,करो न सच की बात,जो
Read Moreगर्मी के दिन गाते आए,छुट्टी की सौगातें लाए। खेलकूद मस्ती मौजों के ,सुखद दिवस औ रातें लाए। खूब पढ़ो किस्से
Read Moreसपने देखो खुशियों वाले ,जिनमे ना हो दुख के ताले। अन्धकार को दूर भगा के ,लाओ मस्ती भरे उजाले। मेले
Read Moreसुना रही है जिंदगी,पतझर वाले गीत,अब बहार सूझे नहीं,इस गर्मी में मीत। गरमी से बेहाल हैं ,नर नारी आबाल,उनको झटपट
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