गीतिका/ग़ज़ल

नदी ख़ुशी से बहती चल

नदी ख़ुशी से बहती चल,
सारे सुखदुख सहती चल।

पथ में जब पत्थर रोकें ,
जमके उनसे लड़ती चल।

अपनी अमृत के जल से ,
सबके पाप निगलती चल।

रुकना तुझे क़ुबूल नहीं ,
सबसे ऐसा कहती चल।

सच की राहों पे चल के ,
सारे झूठ मसलती चल।

आशा के नव दीप जला
अन्धकार को छलती चल।

सागर से अब मिलना है ,
धीमे धीमे चलती चल।
— महेंद्र कुमार वर्मा

महेंद्र कुमार वर्मा

द्वारा जतिन वर्मा E 1---1103 रोहन अभिलाषा लोहेगांव ,वाघोली रोड ,वाघोली वाघेश्वरी मंदिर के पास पुणे [महाराष्ट्र] पिन --412207 मोबाइल नंबर --9893836328