Author: *मनमोहन कुमार आर्य

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर सबको हर क्षण देखता है और सभी कर्मों का यथोचित फल देता है

ओ३म् बहुत से अज्ञानियों के लिए यह संसार एक पहेली है। संसार की जनसंख्या लगभग 7 अरब बताई जाती है

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

मर्यादा पुरुषोत्तम राम का विश्व के महापुरुषों में सर्वोत्तम स्मरणीय चरित्र

ओ३म्   यदि किसी मनुष्य को धर्म का साक्षात् स्वरुप देखना हो तो उसे वाल्मीकि रामायण का अध्ययन करना चाहिये।

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

महर्षि दयानन्द और आर्यसमाज के दलितोद्धार कार्यों पर स्वामी वेदानन्द तीर्थ जी का प्रेरणादायक उपदेश

ओ३म्   सृष्टि के आरम्भ से महाभारत काल तक सभी वैदिक सनातनधर्मी स्वयं आर्य कहलाने में गौरव का अनुभव करते

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आर्य सृष्टि के आदि काल से आर्यावर्त्त-भारत के मूल निवासी हैं

ओ३म् महर्षि दयानन्द चारों वेदों के सत्य अर्थों के जानने वाले सृष्टि के इतिहास में अपूर्व ऋषि व वेद-भाष्यकार थे।

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

पुराणों के अग्राह्य विधानों पर स्वामी दयानन्द व स्वामी वेदानन्द के उपदेश

ओ३म् मनुष्य का जीवन सत्य व असत्य को जानकर सत्य का पालन व आचरण करने तथा असत्य का त्याग करने

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

‘संसार के सभी मनुष्यों के पूर्वज एक थे व वैदिक धर्मानुयायी थे’

ओ३म् सृष्टि का यह अनिवार्य नियम है कि इसमें मनुष्य की उत्पत्ति वा जन्म माता-पिताओं से ही होता है। माता-पिता

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इतिहास

पंडित सत्यानन्द शास्त्री का परिचय और उनकी साहित्य साधना

ओ३म् एक दिन प्रा. राजेन्द्र जिज्ञासु जी की मेहता जैमिनी पर पुस्तक में स्वामी वेदानन्द तीर्थ जी पर कुछ शब्द

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

कैकेय नरेश महाराज अश्वपति की सार्वजनिक घोषणा’

ओ३म् –प्राचीन भारत का स्वर्णिम आदर्श इतिहास- भारत विगत लगभग पौने दो अरब वर्षों से अधिक तक वैदिक धर्म व

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

पं. गणपति शर्मा का वैदिक धर्म व महर्षि दयानन्द के प्रति श्रद्धा से पूर्ण प्रेरणादायक जीवन

ओ३म् प्राचीनकाल में धर्म विषयक सत्य-असत्य के निणर्यार्थ शास्त्रार्थ किया जाता था। अद्वैतमत के प्रचारक स्वामी शंकराचार्य के बाद विलुप्त

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