क्या हम अपने पूर्व जन्म को जान सकते हैं?
ओ३म् क्या हमें यह पता चल सकता है कि पिछले जन्म में हम क्या थे? इसका उत्तर यह है
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Read Moreओ३म् हम अनुभव करते हैं कि यह विषय मनुष्यों के विचार करने व जानने हेतु उत्तम विषय है। यह
Read Moreओ३म् पं. चमूपति जी ने सोम सरोवर नाम की एक पुस्तक लिखी है जिसमें उन्होंने सामवेद के पवमान सूक्त
Read Moreओ३म् यदि हम यह विचार करें कि संसार में हमारे प्रति सर्वाधिक प्रेम, दया, सहानुभूति कौन रखता है, कौन
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द ने सत्यार्थ प्रकाश के प्रथम संस्करण में जगत की प्रलय का प्रकार लिखा है। वह लिखते
Read Moreओ३म् संसार में दो प्रकार की सत्तायें हैं, एक चेतन व दूसरी जड़। यह समस्त सृष्टि जिसमें हमारा सौर्य
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द सरस्वती ने आर्यसमाज की स्थापना 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई में की थी। 41 वर्ष
Read Moreओ३म् चार वेद सब सत्य विद्याओं की पुस्तकें हैं। यह पुस्तकें मनुष्यों द्वारा रचित व लिखित न होकर
Read Moreओ३म् आदर्श परिवार और सन्तान सृष्टि के आरम्भ से ही मनुष्य समाज की प्राथमिक आवश्यकता रही है। हमें लगता है
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द के जीवन में दिल्ली दरबार की घटना का विशेष महत्व है। इस दिल्ली दरबार के अवसर
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