भारत का महाभारत
याद करो जब इक नारी को, नग्न किया था कौरव ने उस नारी की हाय मिटाती ,जो जीते थे गौरव
Read Moreयाद करो जब इक नारी को, नग्न किया था कौरव ने उस नारी की हाय मिटाती ,जो जीते थे गौरव
Read Moreकाट डालो जड़ उस, वृक्ष की हवाओ में जो देश की नफ़रतों के ज़हर को घोलता आपस में लड़ रहे,
Read Moreदेख रहा हूँ जश्न मनाते देश विरोधी नारो पर देख रहा हूँ अभिनन्दन की माला उन गद्दारो पर देख रहा
Read Moreनित नित भार संपोलो का जो सहती है विचलित सी भारत माता अब कहती है बहुत हुआ पर और सहन
Read Moreनया बहाना शुरू हो गया देना दाना शुरू हो गया रूठा रूठा रहता था जो उसे मनाना शुरू हो गया
Read Moreआज से तकरीबन ५०० वर्षो पहले ,एक घोड़े की मौत पर जितना दुख भारत के लोगो ने जताया था ,
Read Moreचाह नहीं मैं फेंका जाऊ, उस ओर जहा बैठा हो बुश या फिर वित्त मंत्री पर फेंको, पर मैं होता नहीं हु
Read Moreजनता के मौलिक अधिकारों का जब होता भक्षण है स्वार्थ साधने हेतु जब कुछ करते उसका रक्षण है जात पात में
Read Moreबहुत हो गयी अब दिवालों की बाते कोई तो करो इन सवालो की बाते लुटी बस्तियाँ भी तो धर्मो पे
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