जलमीनार
गाँव में सरकार द्वारा प्रदत्त दो लघु जलमीनार है। एक जलमीनार चमार, मछुवा और धोबी जाति की बस्ती में है।
Read Moreराँची षहर खुष-मिज़ाज मौसम के लिए जाना जाता है। जेठ मास की अंतिम सप्ताह तक बारिश न होने के कारण
Read Moreसंजू कोईरी के पिता हीरा महतो (कोईरी) के पास साढ़े तीन एकड़ जमीन थी। तीन एकड़ जमीन में बरसात के
Read Moreब्रजेश कुमार पन्द्रह-बीस बरस से लकड़ी का व्यापार करता है। पहले दूसरों के टिम्बर में लकड़ी को चीराता और लकड़ी
Read Moreपति-पत्नी भोर चार बजे खाट छोड़ अपने-अपने कामों में लग जाते हैं। घासीराम खेत चला जाता है। पुष्पा घर-आँगन को
Read Moreचम्पा देवी दोपहर को थाली में भात लेकर खाने के वास्ते आँगन निकलती है। थाली में भात कम मांड़ ज्यादा
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