जीवन सार्थक बना लो
अहन्यहनि भूतानि गच्छन्तीह यमालयम् । शेषा: स्थावरमिच्छन्ति किमाश्चर्यमत: परम् ।। अर्थात् – लोग (जीव) प्रतिदिन मृत्यु के मुख में जा
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Read Moreसहकारिता का सीधा सरल अर्थ होता है मिलजुल कर कार्य करना । अगर हम दूसरे शब्दों में कहें तो आपसी
Read Moreआगरा । एकलव्य शिक्षा एवं सेवा न्यास व बृजलोक साहित्य कला संस्कृति अकादमी (ट्रस्ट) द्वारा संयुक्त रुप से देशभर के
Read Moreशमशाबाद । पूर्व विधायक के कार्यालय पर हिंदी दिवस के पावन अवसर पर साझा संकलन – ‘ भूमि पुत्र ’
Read Moreतेज प्रताप जी सुबह -सुबह तैयार होकर कहीं जाने वाले थे । जरूरी सामान की पैकिंग कर रहे थे, कि
Read Moreहे गौरी के लाल हरलो दुःख विशाल मैं हूं बड़ा उदास आके मेरे हृदय में करो वास हे विघ्न विनाशक
Read Moreसामाजिक बुराई दहेज की परछाई कोई नहीं करता परहेज सबको चाहिए दहेज इसके बिना शादियां सूनी दहेज बेटियों का है
Read Moreसांस-सांस समर्पित, मेरे प्राण समर्पित । है निवेदन ! करो स्वीकार रक्त का कण -कण । न झुकने दूंगा भाल,
Read Moreस्नेह भरी शुभ सौगात है, अटूट प्रेम की राखी । सावन में खुशियां अपार लाती है, अटूट प्रेम की राखी
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