भजन/भावगीत

हे गौरी के लाल

हे गौरी के लाल
हरलो दुःख विशाल
मैं हूं बड़ा उदास
आके मेरे हृदय में करो वास
हे विघ्न विनाशक
दीन दुखियों के पालक
रिद्धि सिद्धि के दाता
लड्डुओं का भोग है भाता
हे मेरे प्रभु गणेशा
मेरे सिर पर हाथ रखो हमेशा
मुझे हो न कभी अभिमान
देना प्रभु मुझे ज्ञान
हे गौरी के लाल
छिपा नहीं तुमसे मेरा हाल
मैं आजकल हूं बड़ा उदास
अपनी कृपा का मुझे कराओ अहसास….
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111