ग़ज़ल
सैलाब कोई आंखों के पानी में आएगा । जब मेरा ज़िक्र उसकी कहानी में आएगा ।। यूँ रोकिए न धार
Read More2122 2122 2122 अपनी रानाई पे तू मग़रूर है क्या । बेवफ़ाई के लिए मज़बूर है क्या ।। कम न
Read More1222 1222 122 निगाहों से हुई कोई ख़ता है । जो दिल तुझसे वो तेरा मांगता है ।। रवानी जिस
Read More2122 2122 212 जाने कैसी तिश्नगी है ज़िंदगी । ख्वाहिशों की बेबसी है जिंदगी ।। हर तरफ़ मजबूरियों का दौर
Read Moreसब लोग मुन्तज़िर है वहाँ माहताब के । चेहरे पढ़े गए हैं जहाँ इज्तिराब के ।। छुपता कहाँ है इश्क़
Read Moreरहे तू जहाँ वो फ़िज़ा चाहता हूँ । मैं दैर-ओ-हरम का पता चाहता हूँ ।।1 तेरी खुशबुओं से मुअत्तर चमन
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