ग़ज़ल
हसीं औ सुहानी मुलाकात की बताऊँ तुम्हें बात इक रात की तुम्हें देखकर जाने क्या-क्या हुआ सुनो दास्तां आज ज़ज्बात
Read Moreअब चिंता में कब शामिल है ज़िक्र यहाँ चावल-आटे का जीवन भर की अर्जित खुशियाँ मैंने ॠण पर दे दी
Read Moreलो, गीत नया मैं गाता हूँ वो गीत कि जिसमें रंगत हो लय-ताल, सुरों की संगत हो शब्दों की सजावट
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