मुसाफिर
मानव जीवन में चलता जाता है बचपन से बुढ़ापे का सफर करता है जीवन भी उस नाव की तरह है
Read Moreलाश के पास खड़ी शिप्रा थर थर कांप रही थी तभी रवि ने घर के भीतर प्रवेश किया | शिप्रा
Read Moreपंच तत्व से मानव बना है मानव माटी का पुतला है फिर भी हमको अभिमान है माटी ही हमारा बसेरा
Read Moreउस रोज खुद से मुलाकात हमने की देखकर खुद से थोड़ी सी मुस्कराई पूरी उम्र तो तुमने परिवार में ही
Read Moreबोल दो मीठे बोल , जगत में यही अनमोल, पहचान अपनी बनती, बोले जब मीठे बोल, कड़वी बात से मन
Read More