कविता

फिर से लो राम अवतार

फिर से लो राम अवतार,

कलियुग में फिर रावण हो गए|

अराजकता का राज जग में,

झूठ का बोलबाला हो गया|

न होता कोई आदर नारियों का,

अत्याचार बढ़ता ही जा रहा |

रावण घूम रहे भेष बदलकर ,

बेटियों को सताया जा रहा|

हर गली ,मुहल्ले में रावण ,

छोटी कन्याओं को शिकार बना  रहा |

जगह जगह लूटपाट चोरी,काला बाजारी,

संसार में सब तरफ आतंक बढ़ रहा|

प्रभु एक बार फिर लो राम अवतार,

सब भक्तों को पीर हरकर सुखी करें |

जगत को इन रावणों से हमें ,

इनके अत्याचारों से मुक्ति करें

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश