मानव माटी का पुतला है
पंच तत्व से मानव बना है मानव माटी का पुतला है फिर भी हमको अभिमान है माटी ही हमारा बसेरा
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Read Moreउस रोज खुद से मुलाकात हमने की देखकर खुद से थोड़ी सी मुस्कराई पूरी उम्र तो तुमने परिवार में ही
Read Moreबोल दो मीठे बोल , जगत में यही अनमोल, पहचान अपनी बनती, बोले जब मीठे बोल, कड़वी बात से मन
Read Moreबारिश की बौछार से जब धरा पर पड़ती है गर्मी की तपन से सबको राहत मिलती है सूखी हुई फसल
Read Moreरोहित की सर्विस विदेश में लग जाने के कारण उसको अपने वतन की बहुत याद आती है| माता पिता उसकी
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