कविता

बोल दो मीठे बोल

बोल दो मीठे बोल ,
जगत में यही अनमोल,
पहचान अपनी बनती,
बोले जब मीठे बोल,
कड़वी बात से मन दुखता,
नहीं मिलता कहीं सम्मान,
बनते सब दुश्मन अपने,
संसार में होता अपमान,
मीठे शब्द मधुर वाणी,
अमृत समान जग में होते,
अपने सब यहां बन जाते,
मीठे बोल का यह कमाल,
जन्म मानव का मिला,
मीठे बोल सदा अनमोल,
यही पहचान देते हमको,
जग में बनते इससे महान
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश