कहानी : माँ
मारिया की आँखें डबडबा आयीं पर दिल पर पत्थर रख कर उन अनमोल मोतियों को बिखरने से जैसे तैसे रोक
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Read Moreआज पड़ौस में एक लड़के ने खुद को आग लगा कर ख़ुदकुशी कर ली। मेरी आँखों के आगे 41 साल
Read Moreमैं दोपहर में नहीं सोती, क्यों कि सोने के लिए रात काफी होती है! अगर कभी मैं दिन में सो
Read More“पांडे मैडम शाम को सपरिवार उमा दीदी को देखने आ रही हैं ” जानते ही घर की हलचल बढ़ गयीं
Read More“का हो बबुआ, घरे आई लछिमी कोनों ढुकरात है?” माँ के स्वर में थोड़ा दर्द और ज्यादा व्यंग था, राज यकायक
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