कविता

कविता

तेरी ममता,तेरे उपकार का समुचित वर्णन ,
क्या कभी भी कोई कर पाया है?
ऋषि-मुनि,संत-कवि और स्वयं ईश ने भी,
जग में आ चाही बस तेरी सुखद छाया है !
वर्णमाला के अ- से अपनापन,और ज्ञ-से ज्ञान,
सभी को,जीवन में अपनाना तुझसे सीखा!
जीवन में जब-जब ठोकर खाई,वेदना पायी,
तब-तब माँ तू ने गोद में ले माथा सहलाया है !
माँ तुम प्रतीक हो,कर्तव्य और निष्ठां की,
माँ तुम प्रतिमूर्ति हो,सहनशीलता की !
माँ तुम पराकाष्ठा हो,स्नेह और त्याग की,
पर तेरा समुचित वर्णन क्या कोई भी कर पाया है?

पूर्णिमा शर्मा

नाम--पूर्णिमा शर्मा पिता का नाम--श्री राजीव लोचन शर्मा माता का नाम-- श्रीमती राजकुमारी शर्मा शिक्षा--एम ए (हिंदी ),एम एड जन्म--3 अक्टूबर 1952 पता- बी-150,जिगर कॉलोनी,मुरादाबाद (यू पी ) मेल आई डी-- Jun 12 कविता और कहानी लिखने का शौक बचपन से रहा ! कोलेज मैगजीन में प्रकाशित होने के अलावा एक साझा लघुकथा संग्रह अभी इसी वर्ष प्रकाशित हुआ है ,"मुट्ठी भर अक्षर " नाम से !

3 thoughts on “कविता

  • शशि शर्मा 'ख़ुशी'

    सुंदर रचना दी… माँ के स्नेह,ममता व वात्सल्य को कोटि कोटि नमन |

  • महातम मिश्र

    अच्छी रचना आदरणीया पूर्णिमा शर्मा जी, वाह

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सवाल का जबाब आज तक कोई ना दे पाया है
    सुंदर रचना दीदिया

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