समता के नव पल्लव
अंतरमन का सब तमस मिटे। जग सघन अंधेरा कलुष हटे।। सुख-शांति धरा में हो हर पल, हिंसा के बंधन सहस
Read Moreअंतरमन का सब तमस मिटे। जग सघन अंधेरा कलुष हटे।। सुख-शांति धरा में हो हर पल, हिंसा के बंधन सहस
Read Moreनयन तीर से घायल उर पीड़ा घाव भरा। स्नेह लेप लगा प्रिये, दो सम्बल छांव भरा। एक बार देख सखी
Read Moreपुस्तक ‘पहला अध्यापक’ शिक्षा पर केद्रित उन तमाम महत्वपूर्ण कृतियों में से एक है जो पाठकों के सामने न केवल
Read Moreमत रोको गंगा की धारा, अविरल बहने दो। उर की सारी पीड़ा खुशियां, कल-कल कहने दो। केवल नदी नहीं है
Read Moreशिक्षा जीवन को संवारती है, गढ़ती है। इस मायने में किसी व्यक्ति के जीवन में प्राथमिक शिक्षा का महत्व सर्वोपरि
Read Moreलखनऊ। शिक्षक एवं साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय द्वारा संपादित बेसिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं की कोरोना सम्बंधी रचनाओं का साझा
Read Moreललित कला के क्षेत्र में साधनारत साधकों से जीवन में कोई एक ऐसी बेजोड़ कला कृति रच जाती है जो
Read Moreआज दिखाई ना पड़ी, सुंदर गोरी नार। उर व्याकुल देखे बिना, नैना हैं लाचार।। नैना हैं लाचार, सुख-चैन हृदय न
Read Moreमिलना फिर शुरू करेंगे, कोरोना को गल जाने दो। प्रेम गली में साथ चलेंगे, संकट यह टल जाने दो।। माना
Read Moreअपनों के बीच सदा जो नेह लुटाते आये। स्वारथ की खातिर सब सुख स्रोत रिझाते आये। परिवर्तन की धारा के
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