गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 02/08/202302/08/2023 ग़ज़ल बड़ा खूबसूरत ज़िगर देख लेना।पसंद आये तो बसर देख लेना।। अभी आसमां पर सितारें बहुत हैं।यहीं धूप का कल कहर Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 16/07/202316/07/2023 ग़ज़ल प्यारी प्यारी आंखों में सपना तुम्हारा हो। न दुःख प्यारा हो न दर्द प्यारा हो।। याद आए तो आ जाओ Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 24/06/2023 ग़ज़ल ख़ाक मेरी जिंदगी होने लगी। तू नहीं तो शायरी होने लगी।। भूल जाऊं तुझको चाहे दिल मेरा। मौत से अब Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 17/05/2023 आसान नहीं होता ख़ाक में मिल जाना भी आसान नहीं होता। दर्द में मुस्कुराना भी आसान नहीं होता।। फूल खिलते हैं हजारों बगिया Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 10/01/2023 ग़ज़ल आंख से आंसू नहीं ज्वाला टपकनी चाहिए। जंगे वास्ते तुम्हें भाला रखनी चाहिए।। हो सफर कितना भी कठिन गम नहीं। Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 27/12/2022 गज़ल घड़ी दो घड़ी बात कर लें जो हमसे। तबियत मचल जाए मेरी कसम से।। वो बैठे जो पहलू में आकर Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 20/11/202220/11/2022 ग़ज़ल वो आज भी मुखातिब हैं अजनबी बनकर। होते हैं रूबरू हमसे जमीं पर उतर कर।। कह देते हैं दिल की Read More
कविता प्रीती श्रीवास्तव 29/09/2022 कविता अब तो अपनी कमर कसना है तुम्हें मैदां में योद्धा सी डटना है तुम्हें है घड़ी थोड़ी सी मुश्किल मगर Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 20/08/2022 ग़ज़ल सफ़र में हुई जो तुमसे बरसात की बातें। रह गई अधूरी अपने जज़्बात की बातें।। वो लड़ना झगड़ना वो आंखें Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 06/07/2022 ग़ज़ल उससे पूछो तो ज़रा उसकी शराफ़त क्या है। ख़ाक में मिल के जो मिले तो मुहब्बत क्या है।। होके बदनाम Read More