गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 17/05/2023 आसान नहीं होता ख़ाक में मिल जाना भी आसान नहीं होता। दर्द में मुस्कुराना भी आसान नहीं होता।। फूल खिलते हैं हजारों बगिया Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 10/01/2023 ग़ज़ल आंख से आंसू नहीं ज्वाला टपकनी चाहिए। जंगे वास्ते तुम्हें भाला रखनी चाहिए।। हो सफर कितना भी कठिन गम नहीं। Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 27/12/2022 गज़ल घड़ी दो घड़ी बात कर लें जो हमसे। तबियत मचल जाए मेरी कसम से।। वो बैठे जो पहलू में आकर Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 20/11/202220/11/2022 ग़ज़ल वो आज भी मुखातिब हैं अजनबी बनकर। होते हैं रूबरू हमसे जमीं पर उतर कर।। कह देते हैं दिल की Read More
कविता प्रीती श्रीवास्तव 29/09/2022 कविता अब तो अपनी कमर कसना है तुम्हें मैदां में योद्धा सी डटना है तुम्हें है घड़ी थोड़ी सी मुश्किल मगर Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 20/08/2022 ग़ज़ल सफ़र में हुई जो तुमसे बरसात की बातें। रह गई अधूरी अपने जज़्बात की बातें।। वो लड़ना झगड़ना वो आंखें Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 06/07/2022 ग़ज़ल उससे पूछो तो ज़रा उसकी शराफ़त क्या है। ख़ाक में मिल के जो मिले तो मुहब्बत क्या है।। होके बदनाम Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 19/05/202219/05/2022 गजल क्यूं करें चर्चा सनम बेकार की। बैठ कर बातें करें हम प्यार की।। हमसे गुस्ताखी हुई क्या कह जरा। बातें Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 21/03/2022 ग़ज़ल लिखी उसने यारों गजल क्या क़लम है। भरी थी मुहब्बत से फिर आँख नम है।। तेरी आँखें क्यूं इस कदर Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 21/02/2022 गीतिका चलो आज थोड़ी सी आपसे बात कर लेते है। बिन मौसम के प्यार की बरसात कर लेते है।। आप भी Read More