चलें
शाम होने लगी तो आओ अब घर चलें इधर न जी लगे हमारा चलो उधर चलें तलाश थी हमें कोई
Read Moreहममें है कोई बात आज़मा के देखिये हमारे दिल से दिल मिला के देखिये जलाये होंगे आपने दीपक शिवालों में
Read Moreदूर क्षितिज के पार देखो इंद्रधनुषी संसार आओ हाथ थाम कर चल चलो चाँद के द्वार इस पार तो जगत
Read Moreकुछ यूँ वक़्त का पहिया चलता गया कोई सूरज उगा, तो कोई ढलता गया हम उसूलों का दामन थामे हुए
Read Moreशाम-सवेरे, आगे-पीछे तेरे घूमता रहता ये पागल दिल मेरा, हाँ पागल दिल मेरा तेरे आने में आना और तेरे जाने
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