गीतिका/ग़ज़ल

बे-हिजाब

नज़रें मिलीं तो एहतराम हो गया
आज मय पीने का इंतज़ाम हो गया

निकले हम आज घर से मुद्दतों बाद
दो घड़ी को उनसे फिर सलाम हो गया

इक मुलाक़ात में ही दिल ये हार बैठे हम
जो न सोचा वो ही एहतिमाम हो गया

गुलपोश वो जो बे-हिजाब नज़र आये
दीदार-ए-रंग-ए-चमन तमाम हो गया

इक दौर-ए-ख़ामोशी आज ऐसा भी आया
के पल-पल का सुकूत हराम हो गया

— प्रियंका अग्निहोत्री “गीत” 

प्रियंका अग्निहोत्री 'गीत'

पुत्री श्रीमती पुष्पा अवस्थी