गीतिका/ग़ज़ल

गुनगुना के देखिये

हममें है कोई बात आज़मा के देखिये
हमारे दिल से दिल मिला के देखिये
जलाये होंगे आपने दीपक शिवालों में
आंधी में कोई दीप जला के देखिये
दिल मुफ़लिसी का मारा होगा ज़ुरूर ही
गर्दिश में तारों सा टिमटिमा के देखिये
हैं दिन तपिश भरे और रूह तक प्यासी
ऐसे में पानी पंछी को पिला के देखिये
तोड़े तो होंगे आपने गुल कई बाग़ों से
धीमे  से कोई तितली उड़ा के देखिए
सुर दर्द के मिले हों और ताल ग़मों की
ऐसे भी कोई “गीत” गुनगुना के देखिये
— प्रियंका अग्निहोत्री “गीत”

प्रियंका अग्निहोत्री 'गीत'

पुत्री श्रीमती पुष्पा अवस्थी