कविता

माँ


माँ
मुझे
पूजन
आता नहीं
तेरा सहारा
लगा तू किनारा
बालक हूँ तुम्हारा
*****
तू
तो है
सर्वत्र
फिर तुझे
मेरा ही ध्यान
ही नहीं आता माँ
इतना तो बता दे।
*****
हे
माता
विपत्ति
हरो अब
नेत्र तो खोलो
दु:ख दर्द मेटो
मौन अब छोड़ दो।
*****
माँ
आँसू
बहाती
बेबसी से
मौत के मुँह
जाते देखती बस
बस आँसू बहाती।
*****
तू
अब
कुछ भी
कर अब
जन जन की
दहशत मिटा
खुशियां लौटाओ।
*****

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921