मौन
ये जो तुम देखते हो न एकटक मुझे जानते हो कितनी हलचल मचा जाती है तुम्हारी आंखे न जाने कितनी
Read Moreमेरे घर का आईना भी कितना झूठ बोलता है आज खड़ी हुई इसके सामने तो दिखाने लगा मुझे मेरे बालों
Read Moreहम फिर मिलेंगे कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में हम फिर मिलेंगे …. गर बनोगे तुम आकाश मैं
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