वाचिक राधा छंद मुक्तक गीत : आज जब मैं माँ बनी…
नीर आँखों में लिए जब याद आई माँ पोंछ मेरे आँसुओं को मुस्कुराई माँ हाथ मेरे शीश पर अपना धरा
Read Moreनीर आँखों में लिए जब याद आई माँ पोंछ मेरे आँसुओं को मुस्कुराई माँ हाथ मेरे शीश पर अपना धरा
Read Moreहो जायेगा बेसुरा ,तेरा जीवन राग| मनुज अभी भी वक़्त है ,जाग सके तो जाग|| धरा गगन जल थल पवन
Read More“पीं..पींपीं,,पीं ..”अबे उड़ कर जाएगा क्या अँधा हो गया आगे पूरा जाम है कैसे बढाऊँ गाड़ी” अगली गाड़ी के ड्राईवर
Read Moreतनाव से ही सदा टूटता समाज कोई लगाव से ही सदा फूलता रिवाज कोई पढ़ेगी कल नई पीढ़ी उन्हीं के
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