मैं हूँ एक पुल
सुनो, मैं हूँ एक पुल दरिया, खड्डों,नालों पर पड़ा हूँ अपना सीना तान कर खड़ा हूँ आजके इंसान की तरह तोड़ने
Read Moreसुनो, मैं हूँ एक पुल दरिया, खड्डों,नालों पर पड़ा हूँ अपना सीना तान कर खड़ा हूँ आजके इंसान की तरह तोड़ने
Read Moreसरस्वती की वीना से निकली झंकार बार बार कहती है सुन सुन सुन सुन पानी का बुलबुला है यह जीवन
Read Moreरंग बदलने में जिसका नहीं कोई सानी उस गिरगिट को बहुत बार रंग बदलते देखा है सादगी बहुत होती थी
Read Moreजीवन में रिश्ते बहुत हैं अनोखे कुछ से मिलता प्यार कुछ से मिलते हैं धोखे कुछ को मिलता है अपनापन
Read Moreयह लोकतंत्र नहीं भेड़तंत्र बन गया है जिधर दिखा पैसा बस उधर चल पड़ा है जब जी चाहे पाला बदल
Read Moreकितने हैं किसी के जीवन के दिन यह जीवन मिला है सबको उधार न किसी को पता है न कोई
Read Moreबिना रिश्तों के यह ज़िन्दगी अधूरी है रिश्तों का होना ज़िन्दगी में बहुत ज़रूरी है मर मर कर क्यों जी
Read Moreअच्छे का इंतजार करते करते जो मिला था वह भी गंवा दिया तृष्णा रही बहुत कुछ पाने की जिसने दिया
Read Moreबिहार में फिर हो गया एक बार खेला पलटू कुमार ने दी फिर पलटी मार कल तक राष्ट्रीय जनता दल
Read Moreदिल से जब दिल मिल जाते हैं बगिया में जैसे हज़ारों फूल खिल जाते हैं वीरानों में भी बहार आ
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