अटलबिहारी थे सब पर भारी
सिंह की गर्जना थी जिसकी आवाज में दुश्मन भी कांपते थे जब ललकारते थे कवि हृदय अंदर कोमल थे दिल
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Read Moreगांव का नाम भी कुछ ऐसा जो सुनने में भी अजीब सा लगता था।छोटी छोटी पहाड़ियों की टेकरी पर स्थित
Read Moreआजकल बेटियों को बचाने पर सबका है जोर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बस एक यही है शोर बेटियां तो अपनी
Read Moreजहां भी देखो हर तरफ हो रहा ब्यापार है खबरें कम पैसे का धंधा बन गया हर अखबार है सकारात्मकता
Read Moreमौत निश्चित है छोड़ेगी नहीं यह सब जानते हैं फिर भी पूरा जोर लगा देते हैं ज़िन्दगी बचाने को पूरी
Read Moreकहने को लोक संस्कृति को दे रहे बढ़ावा लेकिन लोक संस्कृति का हो रहा वहिष्कार लोक कलाकारों का हो रहा
Read Moreज़िन्दगी अगर किताब होती कोई ही उसको सही से पढ़ पाते किसी की रखी रह जाती अलमारी में कोई वरके
Read Moreज़िन्दगी हर समय आपसे बात करती है कहती है सच्चाई कभी नहीं डरती है झुक झुक कर जिये तो क्या
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