कैसे जी पाओगे अंतरात्मा को मार कर
यह लोकतंत्र नहीं भेड़तंत्र बन गया है जिधर दिखा पैसा बस उधर चल पड़ा है जब जी चाहे पाला बदल
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Read Moreकितने हैं किसी के जीवन के दिन यह जीवन मिला है सबको उधार न किसी को पता है न कोई
Read Moreबिना रिश्तों के यह ज़िन्दगी अधूरी है रिश्तों का होना ज़िन्दगी में बहुत ज़रूरी है मर मर कर क्यों जी
Read Moreअच्छे का इंतजार करते करते जो मिला था वह भी गंवा दिया तृष्णा रही बहुत कुछ पाने की जिसने दिया
Read Moreबिहार में फिर हो गया एक बार खेला पलटू कुमार ने दी फिर पलटी मार कल तक राष्ट्रीय जनता दल
Read Moreदिल से जब दिल मिल जाते हैं बगिया में जैसे हज़ारों फूल खिल जाते हैं वीरानों में भी बहार आ
Read Moreखूब सजी है नगरी अयोध्या बीच मेरे राम दा डेरा वे माईया हो चौर झुलावे हनुमत प्यारे चरण धुलावे लखन
Read Moreजवानी को कर रहा खोखला स्कूल कालेज सब जकड़े इसने गांव अछूते नहीं रहे अब गली मोहल्ले भी पकड़े इसने
Read Moreढूंढें कहाँ उस रंग बिरंगे हरे भरे गांव को जो रोज़ सपनों में नज़र आता है नींद में तो दिखता
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