गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 09/07/202309/07/2023 ग़ज़ल आज कुछ भी सुनो कहा ही नहींनीर तो व्यर्थ यूँ बहा ही नहीं आज आतंकवाद फैले यहाँकह रहे , की Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 09/07/2023 ग़ज़ल बताना सुनो मामला चाहता हूँ किया प्यार मैंने वफ़ा चाहता हूँ सलामत रहो तुम कहूँ मैं यही अब खुदा से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 02/07/2023 ग़ज़ल अभी इश्क़ का तो मज़ा ही चखा है सुनो दिलजले का यही मामला है मिले ज़ख़्म कितने बताया नहीं जो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 12/06/2023 ग़ज़ल कितने यहाँ पे देखना दानव टहल रहे क्यों नफ़रतों की आग में इंसान जल रहे राहें सभी काँटों भरी होती Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 07/06/2023 ग़ज़ल आ सुधारें आज हम वातावरण दे रही दूषित हवा पर्यावरण देखते ही पेड़ कटते हैं गये अब बिगड़ता जा रहा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 07/06/2023 ग़ज़ल रब मिले उपहार – सी है ज़िंदगी ….. खेलते किरदार – सी है ज़िंदगी ….. ज़ख़्म मिलते ही गये हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 07/06/2023 इस शहर में बना तुम एक घर लो अभी तो इस शहर में ….. बसे हो आज सुन लो तुम्हीं मेरी नज़र में Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 22/05/2023 ग़ज़ल हम बढ़ेंगे और आगे ज़िंदगी से प्यार कर हम करें सेवा सभी की खुद को ही तैयार कर देख दिल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 15/04/2023 ग़ज़ल मिला मौका हमें कुछ गुनगुनाने का अभी तो हौसला है गीत गाने का मिले मंज़िल निकल तो पड़े हैं अब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 13/04/2023 ग़ज़ल ठोकरें भी रोज़ खाती ज़िंदगी सोचती ही देख जाती ज़िंदगी छू सकें ये आसमां बढ़ते कदम देख तब राहें दिखाती Read More