गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 06/09/202306/09/2023 ग़ज़ल समझ मेरी मुश्किलों को रज़ा देते तो अच्छा थामिरे ज़ख़्मों पे मरहम तुम लगा देते तो अच्छा था बड़े खुद्दार Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 25/08/202325/08/2023 ग़ज़ल हम सभी गढ़ते सुनो तो नव कहानी आज फिरजीत हासिल की सभी पर ये सुहानी आज फिर था प्रयासों का Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 18/08/202318/08/2023 ग़ज़ल आज अरि को देख सीमा से भगा कर सो गयेमेंढ़ पर वे सब अभी काँटे उगा कर सो गये वो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 28/07/202328/07/2023 ग़ज़ल आज ग़म से उबर गये होतेजो चले उस डगर गये होते वो उठा कर नज़र चले जातेप्यार के हो असर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 28/07/202328/07/2023 ग़ज़ल पहाड़ से गिर झरने हज़ार मिलते हैंजो हो नज़र तो नज़ारे हज़ार मिलते हैं गरीब तो रहते हाथ को पसारे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 16/07/202316/07/2023 ग़ज़ल देख लंबे सफ़र नहीं होतेदूर हम तो मगर नहीं होते थी मुहब्बत चले इसी ख़ातिरहम चले इस डगर नहीं होते Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 09/07/202309/07/2023 ग़ज़ल आज कुछ भी सुनो कहा ही नहींनीर तो व्यर्थ यूँ बहा ही नहीं आज आतंकवाद फैले यहाँकह रहे , की Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 09/07/2023 ग़ज़ल बताना सुनो मामला चाहता हूँ किया प्यार मैंने वफ़ा चाहता हूँ सलामत रहो तुम कहूँ मैं यही अब खुदा से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 02/07/2023 ग़ज़ल अभी इश्क़ का तो मज़ा ही चखा है सुनो दिलजले का यही मामला है मिले ज़ख़्म कितने बताया नहीं जो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 12/06/2023 ग़ज़ल कितने यहाँ पे देखना दानव टहल रहे क्यों नफ़रतों की आग में इंसान जल रहे राहें सभी काँटों भरी होती Read More