ग़ज़ल
आ सकी अब यहाँ बहार नहीं ….. फिर भी अब कोई सोगवार नहीं ….. है लगी अब इश्क़ की बोली
Read Moreराधा कान्हा ही जपे , कहाँ गया चितचोर । मोहन को ढूँढ़ूँ कहाँ , हो जायेगी भोर ।। कुंज गली
Read Moreसागर की उत्ताल लहरें जाने कहाँ जाकर ठहरें जगा मन में सदा उमंगें , लिए चंचलता ये लहरें । स्वच्छंद
Read Moreरोज़ – रोज़ करो योग , भागें दूर सभी रोग , तन मन रहे खुश , ताज़गी ले आइये ।
Read Moreमीठी बोली, आज से बोलनी है। जो भी बोलो, बात तो तोलनी है।। आओ आओ, आज तो गीत गायें। खेलें
Read Moreकोरोना से डर नहीं , भीड़ में नहीं काम । कोरोना से बच रहो , लेना प्रभु का नाम ।।
Read Moreप्यार से तुम लगा लो गले । पाप से हूँ भरा मैं भले ।। बाँह मेरी थाम लीजिए । दर्श
Read Moreआई देखो है लोहड़ी, खुशियाँ नहीं हैं थोड़ी, बना बनाकर जोड़ी , खुशियाँ मनाइये । तिल गुड़ लाओ सभी ,
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